HindiUSA

Welcome to HindiUSA

HindiUSA was formed as a non-profit volunteer organization in 2001 by a few people who wanted to promote Hindi language at the grass root level. They felt that the Indian culture, its sacraments and traditions are very much tied with Hindi and by promoting Hindi the Indian ‘essence’ will live on in the younger generation. 

Something which is unique and has no counterpart is not easily translatable and hence will remain viable. Hindi is the second most spoken language in the world and the rich grammar, vocabulary and wide aesthetic appeal that it has in people motivates HindiUSA volunteers to help preserve it. To do this, we have well defined syllabus and practical ways to implement it. The syllabus and teaching methodologies are reviewed periodically to provide optimum benefits to the students.  

Hindi can also bring India and USA much closer. Americans can easily learn about Indian cultural heritage through Hindi in their schools and by interacting with their Indian friends.

In a short span of 15 years, HindiUSA grew from 2 students to over 4,000 and from 1 teacher to now over 350. HindiUSA never strives to win prizes or recognition. Its biggest prize is more than 500 graduates, many of whom are acting as assistant teachers and the largest Hindi family in USA. 

If you want to become a part of HindiUSA family, please call 1-877-HINDIUSA or email us at [email protected]

Our Vision

हिंदी एन. जे. की स्थापना नवम्बर, 2001 में एडिसन, न्यू जर्सी में हुई थी। हिंदी एन. जे. को बनाने में प्रमुख भूमिका देवेंद्र सिंह, रचिता सिंह, राज मित्तल, सुमन मित्तल, स्वर्गीय दिग्विजय म्यूर तथा अन्य हिंदी प्रेमियों की थी। इस संस्था का उद्देश्य मुख्य रूप से न्यू जर्सी में हिंदी पाठशालाएँ खोलना था। हिंदी एन. जे. ने हिंदी यू.एस.ए. की नींव बनाई और 2006 में इसका रूपांतरण एक दृढ़ संस्था हिंदी यू.एस.ए. के रूप में हुआ। हिंदी यू.एस.ए. के स्तम्भों में देवेंद्र/रचिता सिंह के अतिरिक्त राज/सुमन मित्तल, सुशील/वंदना अग्रवाल, माणक काबरा, उमेश/शिल्पा महाजन, गुलशन मिर्ग, योगिता मोदी, सुनीता गुलाटी, सौरभ उदेशी, स्वाति सिंघानिया, अमित खरे, मनोज सिंह, मुरली/संध्या तुल्शियान, मनीष माहेश्वरी, अमित/गरिमा अग्रवाल, चेतना मालाराप्पू इत्यादि प्रमुख हैं। इस संस्था में २४ संचालक, १२ सह-संचालक, ४०० शिक्षक-शिक्षिकाएँ, ९२ युवा सह-शिक्षक तथा ५० से अधिक अन्य कार्यकर्ता हैं। न्यू जर्सी और कनैक्टिकट के अतिरिक्त हिंदी यू.एस.ए. की पाठशालाएँ मैसाचुसेट्स, मैरीलेंड, जार्जिया, मिजोरी, और कैलीफोर्निया राज्यों में चल रही हैं। 

हिंदी यू.एस.ए. के प्रमुख उद्देश्य 

  1. अमेरिका में जन्मी प्रवासी पीढ़ी को हिन्दी का बुनियादी ज्ञान देना, जिसके लिए हिन्दी यू.एस.ए. निम्न कार्य कर रहा है:  
    • अमेरिका के विभिन्न राज्यों में हिन्दी पाठशालाओं की स्थापना करना।  
    • विभिन्न स्तरों का पाठ्यक्रम तैयार करना। 
    • शिक्षकों को स्तरों के अनुसार प्रशिक्षित करना। 
    • हिन्दी पुस्तकों का प्रकाशन तथा चयन करना जो कि विदेशी बच्चों के लिए उपयोगी हो सकें| 
    • समय-समय पर नूतन शिक्षण सामग्री को पाठ्यक्रम में शामिल करना और बनवाना।    
    • प्रतिवर्ष मौखिक तथा लिखित परीक्षा का आयोजन करना।  
    • प्रोत्साहन के लिए बच्चों को पदक प्रदान करना।  
    • बच्चों को हिन्दी ज्ञान प्रदर्शन के लिए विशाल मंच उपलब्ध करवाना।  
  2. अमेरिका के स्कूलों में हिन्दी को एक एच्छिक भाषा के रूप में स्थापित करने का प्रयास करना।   
  3. अमेरिका के स्कूल में पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित शिक्षिकों को तैयार करना। 
  4. हिन्दी के प्रति जन मानस की जागरुकता को बढ़ाना तथा आने वाली पीढ़ी के हृदय में हिन्दी के प्रति प्रेम जागृत करना – इसके लिए हिन्दी यू.एस.ए.:  
    • प्रतिवर्ष हिन्दी महोत्सव का आयोजन करना तथा हिंदी सीख रहे विद्यार्थियों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से हिंदी के प्रति आकर्षित करना।  
    • हिन्दी महोत्सव द्वारा विभिन्न प्रांत के लोगों को आपस में जोड़ना। 
    • पुस्तकों की प्रदर्शनी द्वारा हिन्दी साहित्य तथा लेखन का प्रचार करना। हिन्दी सीखने व अभ्यास करने की सामग्री उपलब्ध कराना।  
  5. भारतीय बाजारों में दुकानों के नामों को हिन्दी में लिखवा कर भारतीयों में से हीन भावना को निकाल कर अपनी भाषा के प्रति गर्व का रोपण करना।  
  6. भाषा के प्रति जागरुकता, लेखन के प्रति सक्रियता, काव्य के प्रति रचनात्मकता को जीवित रखने तथा हिन्दी पढ़ने वाले विद्यार्थियों को लेखन हेतु प्रोत्साहित करने के लिए हिन्दी यू.एस.ए. की पत्रिका “’कर्मभूमि’” प्रकाशित करना। 
  7. बच्चों के कार्यक्रम रेडियो पर करवा कर उन्हें हिन्दी बोलने के लिए प्रोत्साहित करना।  
  8. भारतीय संस्कृति संबंधित कार्यक्रमों को प्रोत्साहन देना, और भारतीय त्योहारों और परम्पराओं से अमेरिकी समाज को परिचित कराना।  
  9. भारतीय संस्कृति तथा हिन्दू धर्म की रक्षार्थ कार्य कर रहे विशेष व्यक्तियों को सम्मानित करना।  
  10. भारतीय समाज के लिए उपयोगी पुस्तकों का हिन्दी में अनुवाद करवाना।  
  11. बड़े नगरों के पुस्तकालयों में हिन्दी पुस्तकें उपलब्ध करवाना। 
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Our Mission

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